स्विंग ट्रेडिंग क्या है –
swing trading kya hai in hindi-स्विंग ट्रेडिंग क्या है | स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें | स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग स्टाइल है | जिसमें शेयर के प्राइस में होने वाले शॉर्ट टर्म मोमेंट से प्रॉफिट बनाने की कोशिश की जाती है| इसमें शेयर को 1 महीने से लेकर कुछ हफ्तों के लिए होल्ड किया जाता है और इसमें खरीदने और बेचने के आर्डर जादतर टेक्निकल बेस होते हैं| परंतु बहुत से ट्रेडर इसमें फंडामेंटल एनालिसिस पर भी स्विंग ट्रेडिंग करते हैं स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग से बिल्कुल ही अलग होता है| इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेड को उसी दिन बुक कर लिया जाता है यानी उसी दिन खरीदा जाता है| और उसी दिन बेच दिया जाता है शेयर को परंतु स्विंग ट्रेडिंग में किसी भी शहर को एक सप्ताह से लेकर कई महीनों तक होल्ड किया जा सकता है |स्विंग ट्रेडिंग में यह बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है कि हम शेयर को कहां पर खरीदते हैं| और उसको कहां तक होल्ड करते हैं |जितना ज्यादा आप इसको होल्ड करते हैं अपनी डायरेक्शन में उतना ज्यादा आपका मुनाफा होता है |

उदाहरण के लिए एक कंपनी का शेयर प्राइस ₹140 कुछ हफ्तों में ₹210 हो जाता है और फिर वापस ₹140 पर आ जाता है तो यहां पर ₹140 से लेकर ₹210 तक ₹70 का मुनाफा हुआ इस मूवमेंट को ही हम शेयर प्राइस कहते हैं |इसी को ट्रेनिंग कहा जाता है यह शेयर प्राइस उपर नीचे होता रहता है यहां पर मुनाफा हमारे इस पर निर्भर करता है| कि हमने ट्रेड कहां पर लिया था यह कोई जरूरी नहीं है| कि आप सारा का सारा मोमेंट का प्रॉफिट कर पाए आप यहां पर एक नियमित रूप से जितना आपने सोचा है |या फिर अपने रिस्क रिवार्ड के हिसाब से आप अपना मुनाफा कमा सकते हैं |
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें
दोस्तों स्विंग ट्रेडिंग को करने के लिए सबसे पहले एक ट्रेडर को अपना एक शेर सुनिश्चित करना पड़ता है| और उस को चुनने के बाद उसकी सारी जानकारी निकालनी होती है कि वह कंपनी कैसा काम कर रही है |और उसका भविष्य में क्या संभावनाएं हैं |कि वह और अच्छा काम करेगी दोस्तों किसी भी शेयर को चुनने के बाद ही उसमें ट्रेड लिया जाता है |जब शेयर सुनिश्चित कर लिया जाता है| उसके बाद उस में आने वाली गतिविधियों को लिखा जाता है| उदाहरण के लिए किसी कंपनी का शेयर ₹100 से लेकर ₹200 के बीच गतिशील रहता है| इसमें आप 1 सप्ताह का समय भी लगा सकते हैं |या फिर आप 1 महीने के लिए भी होल्ड कर सकते हैं अब इन शेयर के प्राइस में यानी की कीमत में जो गतिविधि होती है| उसके बीच ही एक ट्रेडर उसमें अपना ट्रेड खरीदता या फिर बेचता है |मान के चलो कि आप सो रुपए पर यह शेयर खरीद लेते हैं |और यह आगे चलकर ₹180 का हो जाता है| तो आपने यहां पर यदि ₹180 तक इंतजार किया है| तो यह आपका शुद्ध मुनाफा गिना जाएगा परंतु आपको यहां पर इसको होल्ड करना पड़ता है |इसी को स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है |इसमें आप चाहे 1 सप्ताह से लेकर या 1 महीने तक अपने शेयर को होल्ड कर सकते हैं |

स्विंग ट्रेडिंग में शेयर को सेल कैसे किया जाए जैसा कि आप सभी को पता चल ही गया है |कि स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है उदाहरण के लिए मैं यहां पर आपको फिर से बताना चाहूंगा मान लीजिए आप किसी कंपनी का एक शेयर ₹100 पर खरीद लेते हैं| और वह शेयर ₹100 से लेकर ₹200 के बीच में अपनी गतिशील क्रियाएं करता रहता है यह क्रियाएं 1 सप्ताह से लेकर 1 महीने के बीच होती रहती हैं| मान लीजिए आप ने जब यह शेयर ₹200 का था तब आपने इस को बेच दिया कहने का मतलब यह है कि यहां पर आप पहले शेयर को बेच देते हैं |उसके बाद उसी को खरीद लेते हैं| उदाहरण के लिए आपने ₹200 पर यह शेयर बेच दिया था और जब यह घटकर यानी कि इसकी कीमत घटकर ₹180 रह गई तो आपने इसको खरीद लिया यानी कि यहां पर आपने ₹20 का मुनाफा कमा लिया कहने का मतलब है कि यहां पर पहले आप को बेचना होता है| बाद में उसी को खरीदना होता है इसी को स्विंग ट्रेडिंग में सेल करना कहा जाता है| या फिर शॉट करना कहा जाता है|
स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर कैसे चुने
दोस्तों यदि आपको स्विंग ट्रेडिंग करनी है| तो आपको एक अच्छा शेयर सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है |यहां पर मैं आपको बताऊंगा कैसे आप एक अच्छा शेयर चुन सकते हैं|
1. सबसे पहले आपको यह देखना है| कि आप जो शेयर चुन रहे हैं उसमें खरीदने वाले और बेचने वाले मौजूद होने चाहिए इसको इंग्लिश में वॉल्यूम कहा जाता है जी हां दोस्तों आपको ज्यादा वॉल्यूम वाला ही शेयर चुनना है|
2. आपको यह ध्यान देना है| कि जो आप शेयर चल रहे हैं |वह कोई छोटा शेयर नहीं होना चाहिए कहने का मतलब है| कि वह सो रुपए की कीमत से कम का नहीं होना चाहिए वैसे आप सो रुपए की कम की कीमत वाले भी शेयर ले सकते हैं| परंतु अक्सर देखा जाता है |जो शेयर ज्यादा महंगा या फिर अच्छा होता है| वह तो 500 से लेकर 1000 के बीच होता है| तो आपको ध्यान देना है| आपको छोटे-मोटे शेयर में पैसा नहीं लगाना
3. तीसरी महत्वपूर्ण बात आपको कोई भी शेयर चुनने से पहले उसमें ध्यान देना है |कि वह कंपनी क्या काम कर रही है $क्या वह भविष्य में और अच्छा काम करेगी या नहीं यह भी आपको ध्यान देना है|

क्या स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क होता है
अक्सर देखा जाता है कि बहुत से लोगों को स्विंग ट्रेडिंग में भी नुकसान का सामना करना पड़ता है $यहां पर दोस्तों मैं आपको बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहूंगा जब आप किसी भी शेयर को चुन रहे होते हैं $तो आपको बहुत ज्यादा जानकारी हासिल करके ही यह काम करना है| क्योंकि यदि आपने किसी गलत या जिसकी खास उपयोगिता बाजार में नहीं देखने को मिलती है| ऐसे शेयर को यदि आप खरीद लेते हैं |लंबे समय के लिए तो आप इस शहर में फंस भी जाते हैं जी हां वह तो अक्सर देखा जाता है |मान लीजिए उदाहरण के लिए आप किसी शहर को हजार रुपए पर खरीद लेते हैं |और वह शेर धीरे-धीरे कीमत घटकर उसकी 500 या 400 रह जाती है तो ऐसे में आपको ध्यान देना है |कि बहुत से लोग यहां पर गलत शेयर को भी चुन लेते हैं| जो लंबे समय के लिए डाउनट्रेंड में चले जाते हैं |कहने का मतलब है कि उनमें जो है| गिरावट आनी शुरू हो जाती है |और यह गिरावट बहुत लंबे समय तक चलती जाती है| इसलिए आपको ध्यान देना है| जो शेयर आपने चुना है| उसे देख लेना है| कि उसकी मार्केट में भविष्य में क्या डिमांड हो सकती है| ताकि वह भविष्य में तेजी की तरह ही जाना चाहिए ना की नुकसान की तरफ से आपको ध्यान देना है|
निष्कर्ष
दोस्तों यहां पर निष्कर्ष यह मैं आपको देना चाहूंगा कि आप स्विंग ट्रेडिंग करें या कोई भी ट्रेनिंग करें यहां पर आपको ध्यान देना है |कि जब तक आप एक उचित जानकारी हासिल ना कर ले तब तक कोई भी आपको जहां पर धन की हानि उठानी है| कहने का मतलब यह है कि जब तक आपके पास पूरी पर्याप्त जानकारी ना हो तब तक आप किसी भी शेयर में पैसा ना लगाएं खासकर आपको स्विंग ट्रेडिंग में जानकारी के बाद ही पैसा निवेश करना है |क्योंकि यहां आप एक लंबे समय के लिए अपना पैसा लगा रहे हैं इसमें आपको लाभ या हानि दोनों हो सकती हैं |इसलिए आप अपने किसी भी एडवाइजर से सलाह लेकर ही पैसों का निवेश करना है| धन्यवाद